Friday, 27 May 2016

जन्नत नसीब हुई बड़ी मेहनत के बाद भाग 1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है। में गोरे रंग का लड़का हूँ और मेरा लंड 6 इंच लंबा और थोड़ा टेढ़ा भी है। आज में आप सबको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो कि मेरी और मेरी किरायेदार सोनी भाभी की है। ये बात 1 साल पहले की है और मेरा घर उत्तरप्रदेश में है डबल फ्लोर, जिसमें ऊपर हमारी फेमिली रहती है और नीचे किरायेदार। दोस्तों कहानी कुछ इस तरह से है। में साउथ इंडिया के एक कॉलेज से इंजिनियरिंग कर रहा था, मेरी इंजिनियरिंग पूरी हो गई और में अपने घर आ गया। अब घर में बस मेरी माँ रहती है, क्योंकि पापा आर्मी में है ना। अब में रात को 2 बजे घर पहुँचा और चेंज करके फ्रेश होकर कॉफी पीकर सो गया। फिर अगली सुबह उठा

जन्नत नसीब हुई बड़ी मेहनत के बाद भाग २

फिर में 8 बजे उन्हें गुड नाईट बोलकर ऊपर चला गया और अब रात को में डिनर के बाद जब बेड पर लेटा तो 10 बजे के करीब मेरा फोन रिंग किया तो मैंने देखा कि भाभी का फोन था। फिर मैंने फोन रिसीव किया तो वो बोली कि राज थैंक्स, आज आपकी वजह से मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। फिर में बोला इट्स ओके भाभी। फिर में बोला कि भाभी एक बात बोलूँ तो वो बोली हाँ बोलो। फिर में बोला कि नहीं आप कहीं गुस्सा ना हो जाओ। फिर वो बोली कि नहीं होऊँगी, बताओं ना तो में बोला ऐसे नहीं पहले आप अपने देव की कसम खाओ कि गुस्सा नहीं होगी। तभी वो बोली कि ठीक है बाबा देव की कसम में

Monday, 25 April 2016

Sex Stories नही मिटाता पैसा भुख

मैं सुरभी, उमर 31 साल, शादीशुदा औरत हूँ. मेरा कद 5 फीट 6 इंच है, जिस्म गडराया हुआ. मेरा पति अमित एक क्रोरेपति है और हमारा घर गुरगाव में है. मेरा पति और मैं बहुत खुले विहारों वेल हैं और हम एक दूसरे की सेक्स लाइफ में दखल अंदाज़ी नहीं करते. वो वैसे भी अधिकतर बाहर ही रहता है. मेरी चुत बहुत गरम है और जब तक अच्छी तरह से चुद्वया ना लून मुझे चैन नहीं मिलता. मुझे हर किस्म की आज़ादी है.

बेशर्म तन्या की चुदाई

थोड़ी देर बाद अनहीकेत मेरे रूम मे आया… नींद तो मुझे भी नही आ रही थी… उसे देखा तो मैने उसे बेड पे बुला लिया… और हम लोग बाते करने लगे. हे आपॉलॉजाइज़्ड फॉर वॉट हॅपंड और साइड “तन्या तुझे वहाँ ऐसे नही आना चाहिए था…”
“हाँ तो तुझे भी तो टाइम से घर आ जाना चैहीए तन ना”
“यार वो क्कर जीती थी… उसी की पार्टी कर रहे थे हम लोग.”
“हहा… पार्टी तो ठीक है पर वो चड्धि मे क्यों नाच रहे थे तुम सब… बाइ गोद मैं तो डर्र ही गई थी” मैं बोली.. और मैने वोड्का की बॉटल अनहीकेत को दी.

लड़की घर मे एकेली

घर मे एकेली लड़की – Real sex stories in hindi – 2
मैं : मुल्ला जी, लगता है गला कुछ ज़्यादा ही बड़ा हो गया है. देखिए ना अछा नही लग रहा.
मुल्ला जी : नही नही ये तो बहोट जाच रहा है.

Friday, 8 April 2016

गर्ल फ्रेंड Nisha की चुदाई,

मेरा नाम Sidharth है। मैं 30 साल का हूं। मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम Nishaहै वो 22 साल की है। और उसकी फ़ीगर तो ऐसी थी की पूछो मत। वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी चिट्टी लम्बे लम्बे काले बाल, हाइट करीब 5’5″ और फ़ीगर 36-25-38 है। उसका फ़ीगर मस्त है। हम दोनो घर से बाहर एक ही रूम में रह कर पढ़ते थे। मैं ने रूम में पढ़ने के लिये कुछ गंदी किताबें रखी हुई थी। जो एक दिन Nisha हाथ लग गयी। इसलिये मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नही रोक सके। वो बोली मैं ही तुम्हारी वाइफ़ बन जाती हूं और मुझे अपनी ही समझो और मेरे साथ सेक्स करो। वो जींस शर्ट में आयी और बोली चलो शुरू हो जाओ। उसने मुझे किस

चुद गई बहन गन्ने के खेत में

हेल्लो दोस्तो मेरा नाम धवल है. दोस्तों मेरी उम्र 23 साल की है मेरी लम्बाई 5.7 है रंग गौरा और में बहुत हेंडसम हूँ. अभी कुछ समय पहले मेरी बाहर नई नई नौकरी लगी थी. में वहाँ से कुछ दिनों कि छुट्टी ले कर घर पर आया था. दोस्तो पहले में आपका परिचय अपनी बहन से करा देता हूँ. दोस्तों मेरी छोटी बहन का नाम प्रिया है. उसकी उम्र 20 साल तक होगी उसके फिगर बहुत बड़े 36 28 34 है. और वो बहुत सुंदर है वैसे तो वो शहर मे रहकर पड़ाई कर रही है.
लेकिन अभी उसकी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही है. और प्रिया जब से शहर से आई है. वो काफ़ी समझदार हो गई है. एक तो वो वैसे ही बहुत सुंदर है उपर से उसके छोटे छोटे कपड़े मे वो तो और सेक्सी लगती है. और उसका फिगर देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. क्या फिगर है मोटे और गोरे बूब्स पतली कमर

शादीशुदा दीदी का दूध पिया

मेरा नाम राजू है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ . दोस्तो आज में अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगो को बताने जा रहा हूँ. जब में 20 साल का था. मेरे परिवार में सिर्फ चार लोग थे मै मेरी बड़ी बहन ओर मम्मी पापा. बड़ी बहन जो मुझ से 5 साल बड़ी थी. एक साल पहले उस की शादी हो गई.ओर शादी के 5 महीने बाद दीदी की अपने पति से अनबन हो गई इस लिए वो रूठ कर वापस हमारे घर आ गयी. मेरी दीदी दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी. उसका बदन 34-30-36 था. जो भी उसे देख लेता था वो उसे एक बार पलट कर ज़रूर देखता था. उसका रंग एकदम सफेद था ओर उसकी हाइट 5.4 फिट थी. वो बिल्कुल मेडम जैसी दिखती थी. उसका कोमल बदन

चुदवा दो ना बिल्लू से

मेरा नाम रणदीप है, शादी को सिर्फ दो साल हुए हैं। मेरी पत्नी माधुरी बेहद खूबसूरत और सेक्सी है।
चूंकि मैंने लव-मैरिज की थी तो हम दोनों घर वालों से अलग अकेले रहते हैं। मैं एक प्राइवेट कम्पनी में सेल का काम करता हूँ।
हम दोनों बहुत खुश हैं अपनी जिंदगी से। मेरी पत्नी और मुझ में सेक्स की भूख कूट-कूट कर भरी है और सेक्स करते समय हम खूब गन्दी बातें भी करतें है और खूब गालियाँ भी निकालते हैं।
ऐसे ही एक दिन मैंने एक ब्लू फिल्म चलाई थी और मैं माधुरी को अपने लौड़े पर बिठा कर फिल्म दिखा रहा था। फिल्म में दो काले आदमी अपने मोटे मोटे लौड़ों से एक लड़की को चोद रहे थे।

मैंने लिफ्ट दी उसने चूत चुदवा दी

हेलो
तो आल रीडर, मेरा नाम किंजल है और मैं वडोदरा, गुजरात में रहता हु. मेरी यहाँ पर जॉब चल रही है और मेरी उम्र २५ साल है और मेरी हाइट ५’१०” है और मेरा लुक जब तुम मिलोगे तो पता चल जायेगा. ये मेरी पहली स्टोरी है, आई होप आपको पसंद आएगी और अगर कोई गलती हो जाए, तो पहले से ही सॉरी.
तो अब मैं स्टोरी पर आता हु. बात एक वीक पहले की है, उस दिन मुझे कंपनी के काम की वजह से शाम तक रुकना पड़ा. वैसे तो मेरी कंपनी का टाइम जनरल शिफ्ट के हिसाब से होता है पर काम ज्यादा होने की वजह से मुझे सात बाज गये थे. अभी गुजरात में

खेलते हैं! चलो फुनिया फुनिया

ये उन दिनों की बात है, जब मैं पढाई कर रहा था और शाम को रोज नीचे बिल्डिंग में खेलने जाता था. वहां मेरे कई फ्रेंड थे और उनमे से एक था प्रमोद. उसकी ऐज मेरे ही जितनी थी और वो ज्यादातर अकेला ही रहता था. एकदिन शाम को जब मैं नीचे खेलने आया, तो आलरेडी क्रिकेट स्टार्ट हो चूका था, इसलिए मुझे किसी भी टीम ने नहीं लिया. मैं वहां जाकर बैठ गया और मैच देखने लगा. तभी प्रमोद वहां आया और मुझे कहा – अगर तुम चाहो, तो मेरे साथ खेल सकते हो. मैंने कहा – क्या खेलना है? उसने कहा – टेरेस पर चलते है, वहां पर खेलेंगे. हम दोनों वहां गये टेरेस पर.. वहां पर एक छोटा सा रूम था वॉचमैन का. हमारा वॉचमैन नीचे वाले रूम में रहता था, तो वो रूम बंद पड़ा रहता था.

जोगिंग पार्क में जमकर चुदाई

मेरी शादी हुए दो साल हो चुके हैं, शादी के बाद मैंने अपनी चुदाई की इच्छा को सबसे पहले पूरी की। सभी तरीके से चुदाया… जी हाँ… मेरे पिछाड़ी की भी बहुत पिटाई हुई। मेरी गांड को भी चोद-चोद कर जैसे कोई गेट बना दिया हो। सुनील मुझे बहुत प्यार करता था। वो मेरी हर एक अदा पर न्यौछावर रहता था। अभी वो कनाडा छः माह के लिये अपने किसी काम से गया हुआ था। मैं कुछ दिन तक तो ठीक-ठाक रही, पर फिर मुझ पर मेरी वासनाएँ हावी होने लगी।
मैं वैसे तो पतिव्रता हूँ पर चुदाई के मामले में नहीं… उस पर मेरा जोर नहीं चलता ! अब शादी का मतलब तो यह नहीं है ना कि किसी से बंध कर रह जाओ? या बस पति ही अब चोदेगा। क्यूँ जी? हमारी अपनी तो जैसे कोई इच्छा ही नहीं है?

विनोद अंकल ने मम्मी की कमर दबा कर चोदा

कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा। हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था। मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी। वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी। मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहां पहुँचना चाहता था। 
शाम ढल चुकी थी। गाड़ी कानपुर रेलवे स्टेशन पर आ गई थी। मैंने बाहर आ कर जल्दी से एक रिक्शा किया और घर की तरफ़ बढ़ चला।
घर पहुँचते ही मैंने देखा कि घर के अहाते में मोटर साईकिल खड़ी हुई थी। मैंने अपना बैग वही वराण्डे में रखा और धीरे से दरवाजा को धक्का दे दिया। दरवाजा बिना किसी आवाज के खुल गया। मैंने अपना बैग उठाया और अन्दर आ गया। अन्दर मम्मी और एक अंकल के बातें करने की और खिलखिला कर हंसने की आवाज आई। बेडरूम अन्दर से बन्द था। घर में कोई नहीं था इसलिये अन्दर की खिड़की आधी खुली हुई थी क्योंकि इस समय हमारे घर कोई भी नहीं आता जाता था। बाहर अन्धेरा छा चुका था। मैं जैसे ही रसोई की तरफ़ बढा कि मेरी नजर अचानक ही खिड़की की तरफ़ घूम गई।
मेरी आँखें खुली की खुली रह गई। अंकल मेरी माँ के साथ बद्तमीजी कर रहे थे और माँ आनन्द से खिलखिला कर हंस रही थी। वो विनोद अंकल ही थे, जो मम्मी के शरीर को सहला सहला कर मस्ती कर रहे थे। मेरी माँ भी जवान थी। मात्र 38-39 वर्ष की थी वो। अंकल कभी तो मम्मी की कमर में गुदगुदी करते तो कभी उनके चूतड़ों पर चुटकियाँ भर रहे थे। मेरे पैर जैसे जड़वत से हो गये थे। मेरे शरीर पर चीटियाँ जैसी रेंगने का आभास होने लगा था।
अचानक विनोद अंकल ने मम्मी की कमर दबा कर उन्हें अपने से चिपका लिया और उनका चेहरा मम्मी के चेहरे की तरफ़ बढने लगा।
मैंने मन ही मन में उन्हें गालियाँ दी- साले भेन के लौड़े, तेरी तो माँ चोद दूंगा मै, माँ को हाथ लगाता है?
पर तभी मेरे होश उड़ गये, मम्मी ने तो गजब ही कर डाला। अंकल का लण्ड पैंट से निकाल कर उसे ऊपर-नीचे करने लगी।
मैं तो यह सब देख कर पानी-पानी हो गया। मेरा सर शर्म से झुक गया।
तो मम्मी ही ऐसा करने लगी थी फिर इसमें अंकल का क्या दोष?
मैं खिड़की के थोड़ा और नजदीक आ गया। अब सब कुछ साफ़ साफ़ दिखने लगा था। उनकी वासना से भरपूर वार्ता भी स्पष्ट सुनाई दे रही थी।
“आज लण्ड कैसे खाओगी श्वेता?” वो मम्मी को खड़ी करके उनके कसे हुए गाण्ड के गोले दबा रहा था।
माँ सिसक उठी थी- पहले अपना गोरा गोरा मस्त लण्ड तो चूसने दो … साला कैसा मस्त है !
“तो उतार दो मेरी पैंट और निकाल लो बाहर अपना प्यारा लौड़ा !
मम्मी ने अंकल को खड़ा करके उनकी पैंट का बटन खोलने लगी। ऊपर से वो लण्ड के उभार को भी दबाती जा रही थी। फिर जिप खोल दी और पैंट उतारने लगी। अंकल ने भी इस कार्य में मम्मी की सहायता की।
अब अंकल एक वी-शेप की कसी अन्डरवीयर में खड़े थे। उनका लण्ड का स्पष्ट मोटा सा उभार दिखाई दे रहा था। मम्मी बार बार उसके लण्ड को ऊपर से ही दबाती जा रही थी और उनके कसे अण्डरवीयर को नीचे सरकाने की कोशिश कर रही थी।
फिर वो पूरे नंगे हो गये थे। मैंने तो एक बार नजरें घुमा ली थी पर फिर उन्हें यह सब करते देखने इच्छा मन में बलवती हो उठी थी। फिर मुझे मेरी गलती का आभास हुआ। पापा तो कनाडा जा चुके थे। मम्मी की शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति अब कैसे होती। कोई तो प्यास बुझाने वाला होना चाहिए ना। वो भी तो आखिर एक इन्सान ही हैं। फिर यह तो एक बिल्कुल व्यक्तिगत मामला था, मुझे इसमें बुरा नहीं मानना चाहिए।
मेरे बदन में भी अब एक वासना की लहर उठने लगी थी। अंकल का लण्ड खासा मोटा और लम्बा था। मम्मी ने उसे दबाया और उसे लम्बाई में दूध दुहने जैसा करने लगी।
अंकल बोल ही उठे- ऐसे दुहोगी तो दूध निकल ही आयेगा।
माँ जोर से हंस पड़ी।
“मस्त लण्ड का जायका तो लेना ही पड़ता है ना… अरे वो राजेश जी अब तक क्या कर रहे हैं…?”
“मैं हाजिर हूँ श्वेता जी…” तभी कहीं से एक आवाज आई।
मैं चौंक गया। यहाँ तो दो दो है … पर दो क्यूँ…? राजेश अंकल आ गये थे, उनका मोटा सा लटका हुआ लण्ड देख कर तो मैं भी हैरत में पड़ गया। राजेश अंकल तौलिये से अपना बदन पोंछ रहे थे। शायद वो स्नान करके आये थे। मम्मी ने अंगुली के इशारे से उन्हें अपनी तरफ़ बुलाया। उनका लण्ड सहलाया और उसे मुख में डाल लिया।
“बहुत बड़ी रण्डी बन रही हो जानेमन श्वेता … लण्ड चूसने का तुम्हें बहुत शौक है !”
“ये लण्ड तो मेरी जान हैं … राजेश जी … भले ही विनोद से पूछ लो?” मम्मी का एक हाथ विनोद के लण्ड पर ऊपर नीचे चल रहा था। विनोद भी लण्ड चूसती हुई और झुकी हुई मम्मी की गाण्ड में अपनी एक अंगुली घुसा कर अन्दर-बाहर करने लगा था।
“ऐ गाण्ड में अंगुली करने का बहुत शौक है ना तुम्हें … लण्ड से चोद क्यों नहीं देता है रे?”
“आप थोड़ा सा और जोश में आ जाओ तो फिर गाण्ड भी चोदेंगे और चूत भी चोद डालेंगे !” विनोद उत्तेजित हो चुका था।
“श्वेता, बस अब लण्ड छोड़ो और इस स्टूल पर अपनी एक टांग रख दो। मुझे चूत चोदने दो।”
मम्मी ने विनोद की अंगुली गाण्ड से निकाल के बाहर कर दी और अपनी एक टांग उठा कर स्टूल पर रख दी। इससे मम्मी की चूत भी सामने से खुल गई और गाण्ड की गोलाईयाँ भी बहुत कुछ खुल कर लण्ड फ़ंसाने लायक हो गई थी। राजेश ने सामने से अपने हाथों को फ़ैला कर मम्मी को अपनी शरीर से चिपका लिया। मम्मी ने लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में टिका लिया और धीरे से अंकल को अपनी ओर दबाने लगी। दोनों की सिसकारियाँ मुख से फ़ूटने लगी। मम्मी तो एकदम से राजेश अंकल से चिपट गई। लगता था कि लण्ड भीतर चूत में घुस चुका था।
तभी विनोद अंकल ने मम्मी के चूतड़ थपथपाये और एक क्रीम की ट्यूब माँ की गाण्ड में घुसेड़ दी। फिर वो क्रीम एक अंगुली से मम्मी की गाण्ड के छेद में अन्दर-बाहर करने लगे। फिर उन्होंने अपना तन्नाया हुआ लंबा लण्ड माँ की गाण्ड में टिका दिया और उनकी कमर पकड़ कर अपना लण्ड पीछे से अन्दर घुसाने लगे।
मेरा लण्ड भी बेहद सख्त हो गया था। मैंने अपना लण्ड लण्ड पैंट से बाहर निकाल लिया और उसे दबा कर सहला दिया। मुझे एक तेज शरीर में उत्तेजना की अनुभूति होने लगी। मैंने हल्के हाथ से अपनी मुठ्ठ मारनी शुरू कर दी।
उधर मैंने देखा कि मम्मी दोनों तरफ़ से चुदी जा रही थी और अपना मुख ऊपर करके दांतों से अपना होंठ चबा रही थी।
“मार दो मेरी गाण्ड ! मेरे यारों, चोद दो मुझे … कुतिया की तरह से चोदो … उफ़्फ़्फ़्फ़ आह्ह्ह्ह्ह !”
मम्मी की गाण्ड सटासट चुद रही थी। राजेश अंकल भी जोर जोर से लण्ड मारने की कोशिश कर रहे थे। माँ तो जैसे दो दो लण्ड पाकर मस्त हुई जा रही थी। मम्मी की गाण्ड टाईट लगती थी सो विनोद अंकल जल्दी ही झड़ गये। उनका लण्ड सिकुड़ कर बाहर आ चुका था।
अब मम्मी ने राजेश अंकल को बिस्तर पर धकेला और खुद ऊपर चढ़ गई। ओह मेरी मम्मी की सुन्दर गाण्ड चिर कर कितनी मस्त दिख रही थी। उनके दोनों चिकने गाण्ड के गोले खुले हुये बहुत ही आकर्षक लग रहे थे। मुझे लगा कि काश मुझे भी ऐसी कोई मिल जाती ! मेरा लण्ड मुठ्ठी मारने से बहुत फ़ूल चुका था, बहुत कड़कने लगा था।
विनोद अंकल मम्मी की गाण्ड में क्रीम की मालिश किये जा रहे थे। बार उनकी गाण्ड में अपनी अंगुली अन्दर-बाहर करने लगे थे।
तभी मम्मी जोर जोर से आनन्द के मारे कुछ कुछ बकने लगी थी। उसके लण्ड पर जोर जोर से अपनी चूत पटकने लगी थी। नीचे से राजेश भी सिसकारियाँ ले रहा था। फिर मम्मी स्वयं ही नीचे आ गई और राजेश को अपने ऊपर खींच लिया। शायद नीचे दब कर चुदने में ही उन्हें आनन्द आता था। राजेश अंकल मम्मी पर चढ़ गये। मम्मी ने अपनी दोनों टांगे बेशर्मी से ऊपर उठा कर दायें-बायें फ़ैला रखी थी। उनकी मस्त चूत में लण्ड आर पार उतरता हुआ स्पष्ट नजर आ रहा था।
मैंने भी अपना हाथ लण्ड पर और जोर से कस लिया और रगड़ के हाथ चलाने लगा। मुझे लण्ड की रगड़ के कारण मस्ती आ रही थी। माँ के बारे में मेरे विचार बदल चुके थे।
विनोद अंकल तो अब राजेश के आण्डों यानि गोलियों से खेलने लगे थे। वो उन्हें हल्के हल्के सहला रहे थे और उन्हें मुँह में लेकर चूस और चाट रहे थे। माँ नीचे से जोर जोर से उछल उछल कर लण्ड ले रही थी।
तभी मम्मी ने एक मस्ती भरी चीख मारी और झड़ने लगी। राजेश अभी भी मम्मी की चूत में जोर जोर से झटके मार के चोद रहा था। माँ ने उसे अब रोक दिया।
“अब बस, चूत में चोट लग रही है।” माँ ने कसमसाते हुये कहा।
राजेश ने मन मार कर लण्ड धीरे से बाहर खींच लिया। तभी विनोद अंकल मुस्कराते हुये आगे बढ़े और राजेश का लण्ड पीछे से आ कर थाम लिया और उसकी मुठ्ठ मारने लगा। विनोद राजेश से चिपकता जा रहा था। इतना कि उसने राजेश का मुँह मोड़ कर उसके होंठ भी चूसने लगा। तभी राजेश का जिस्म लहराया और उसका वीर्य निकल पड़ा। मम्मी इसके लिये पूरी तरह से तैयार थी। लपक कर राजेश अंकल का लौड़ा अपने मुख में भर लिया। और गट-गट कर उसका सारा गर्म-गर्म वीर्य गटकने लगी।
मैंने भी अपने सुपाड़े को देखा जो कि बेहद फ़ूल कर लाल सुर्ख हो चुका था। उसे दबाते ही मेरा वीर्य भी जोर से निकल पड़ा। मैंने धीरे धीरे लण्ड मसल पर पिचकारियों का दौर समाप्त किया और अन्तिम बून्द तक लण्ड से निचोड़ डाली। फिर पास पड़े कपड़े से लण्ड पोंछ कर अपना बैग लेकर घर से बाहर निकल आया।
भला और क्या करता भी क्या। मम्मी मुझे वहाँ पाकर शर्मसार हो जाती और शायद उन्हें आत्मग्लानि भी होती। इस अशोभनीय स्थिति से बचने के लिये मैं चुप से घर से बाहर आ गया। बैग मेरे साथ था।
समय देखा तो रात के लगभग दस बज रहे थे। सामने की एक चाय वाले की दुकान बन्द होने को थी।
मैंने उसे जाकर कहा- भैये… एक चाय पिलाओगे क्या…?
“आ जाओ, अभी बना देता हूँ…!” मेरे चाय पीने के दौरान मैंने देखा विनोद अंकल और राजेश अंकल दोनों ही मोटर साईकल पर निकल गये थे। मैंने अपना बैग उठाया और चाय वाले को पैसे देकर घर की ओर बढ़ चला।
माँ इस बात से बेखबर थी कि उनकी मस्त चुदाई का जीवंत कार्यक्रम मैं देख चुका हूँ। मैंने उन्हें इस बात का आगे भी कभी अहसास तक नहीं होने दिया।

कुंवारा लण्ड और चूत

मेरा नाम नीरव है, मैं 5 फ़ुट 8 इन्च लम्बा हूँ, मेरी उम्र 21 साल है, मैं भरुच, गुजरात का रहने वाला हूँ। मैं बहुत सालों से अन्तर्वासना पढ़ रहा हूँ। मुझे सेक्स की काहानियाँ पढ़ना और फिर मुठ्ठ मारना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन मेरा नसीब बहुत खराब है, गुजरात में रह कर भी मुझे कोई भी लड़की लिफ़्ट नहीं देती है। मैं ऐसा नहीं है कि अच्छा नहीं दिखता हूँ, पर मैं स्वभाव से बहुत शर्मीला लड़का हूँ। इसी वजह से मैं आज तक किसी भी लड़की के सम्पर्क में नहीं आ सका और ना ही कभी मैंने चुदाई का आनन्द लिया। मेरा लण्ड अभी तक कुंवारा ही है … सच कहता हूँ, मैंने आज तक किसी भी चूत के दर्शन तक नहीं किये। पर यह जरूर कह सकता हूँ कि दुनिया की किसी भी लड़की या महिला को मैं भरपूर यौन सुख दे सकता हूँ

Sunday, 27 March 2016

रजनी और आनदं के साथ चुदने के मजे

कई लड़कियाँ मेरी कहानियाँ पढ़ने के बाद मेरे सेक्स नेटवर्क से जुड़ी जिनमें से कुछ पैसों और ज्यादातर चुदाई का मजा लेने के लिए जुड़ी। 
ऐसे ही एक जोड़े रजनी और आनन्द के मुझे कई मेल्स आये और उन्होंने मुझसे मिलने की ख्वाहिश जाहिर की मगर हर बार मैं उन्हें मना करती रही क्योंकि पहले मुझे वो झूठे लगे लेकिन जब उन्होंने अपनी कुछ अतरंग तस्वीरें मेल की तब जाकर

चलती बस में आंटी की चुदाई

आज मैं आप लोगों के साथ अपने साथ घटित एक वाकया पेश कर रहा हूँ लेकिन उससे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। 
मेरी उम्र 23 साल है। मेरी लम्बाई 5’11” इंच है और मैं एक स्वस्थ और हृष्टपुष्ट युवक हूँ। मेरे लौड़े की लम्बाई जैसे सबकी होती है 5′ और मोटाई 2.5 इंच है।

बीवी की पैन्टी मोहित का लंड

हैलो दोस्तो, मेरा नाम पार्थिक है, मैं कोलकाता से हूँ, मेरी बीवी का नाम सोनू है।
हमारी शादी को दो साल हुए हैं। मेरी उम्र 28 साल और मेरी बीवी की उम्र 26 साल है। मेरी बीवी सोनू एक बहुत ही सेक्सी माल है। वो स्लिम फिगर वाली एक कामुक लड़की है। वो दुनिया की सबसे अच्छी लंड चूसने वाली लड़की है।

हॉट लड़की को चोद डाला

अगर कहा जाए तो सब अपनी कहानी सच ही लिखते हैं। बस अपनी कहानी को थोड़ा रोमाँचक बनाने के लिए फालतू की बातें भी जोड़ देते हैं। जैसे अपने लण्ड के साइज़ को ही झूठ बोलते हैं और बोलेंगे भी क्यों नहीं… किसी भी लड़की को छोटा लण्ड अच्छा नहीं लगता।
भाई लोग मेरी कहानी भी ज़्यादा अलग नहीं है। अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना तो बनता है।

हॉट मद्रासी आंटी

दोस्तो, यह मेरा पहला प्रयास है, आशा है आपको पसन्द आयेगा।
मैं अपने उन दिनों की एक घटना आपको बताता हूँ जब मैं 18 साल का था, मैं अपने पिता के साथ कालोनी में रहता था, चार कमरे का फ़्लैट था और हम दो ही लोग थे इसलिये पिता जी ने दो कमरे एक दक्षिण भारतीय जोड़े को किराये पर दे दिए।

गर्मी की दोपहर में भाभी की मस्त चोद डाला

मेरा नाम मुख़्तार है, मेरी उम्र 23 साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। यह कहानी जो मैं लिख रहा हूँ, सिर्फ दो महीने पहले की है। मेरी खाला (मौसी जी) के लड़के की नई-नई शादी हुई, तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया।
हम बहुत खुश हुए क्योंकि घर में नई-नई भाभी जो आई हैं। वो बहुत सेक्सी थीं और उनका फिगर 28-24-30 का था।

दीदी की सहेली पिंकी को चोदा

मैं दीदी को कई बार चोद चुका था। एक दिन दीदी को मैं अपनी बाईक पर ले जा रहा था, दीदी को बाजार जाना था। रास्ते में दीदी ने एकदम से मुझसे बोला- राज जरा बाईक रोक…
मैंने बाईक रोक दी, दीदी एकदम चिल्लाईं- पिंकी..!
मैंने देखा सड़क की दूसरी तरफ़ एक लड़की खड़ी है। दीदी उसके पास जाकर उसके गले मिलीं और उससे बात करने लगीं।

सलहज की चूत चोद डाली

पाठको, आप सब को नमस्कार ! मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ। मैं 6 फीट का जवान कसरती बदन आकर्षक फौजी लगता हूँ। मेरे साले की शादी दो साल पहले हुई थी। रेनू को जब मैंने पहली बार देखा तो मुझे लगा की हूर जमीन पर आ गई है। बस देखता ही रह गया। मेरी साले की पत्नी खूबसूरत है। नाम रेनू, उम्र 22 साल, कद लम्बा, रंग साफ़, देखते ही बाँहों में ले कर चूमने को दिल करे। नज़रें चार हुईं, मेरी आँखों मैं अपने प्रति वासना देख

बुआ की वासना की आग बुझाई

प्यारे दोस्तो, मैं एक नार्मल सा लड़का हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की है जिनका एक साल पहले तलाक हो गया था। मेरी बुआ जी दिखने में गोरी, उठे हुए चूतड़ और बदन थोड़ा सा मोटा है, पर दिखने में स्मार्ट हैं। उस टाइम उनकी उम्र 32 साल की रही होगी।
वो मुझे अक्सर चुम्बन कर लेती या मेरी गर्दन में दांत से काट लेती थीं, पर इससे मुझे किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं होती थी। जब मैं 23 साल का हुआ तो एक

दीदी की गाण्ड मारी

हैलो दोस्तो, मैं दिल्ली से हूँ, मेरा नाम रॉक राजपूत है, मेरी उम्र 23 साल, कद 5’6″ स्मार्ट हूँ, लंड का साइज़ 7″ से थोड़ा ज़्यादा है। मुझे चूत चोदना और चाटना बहुत पसंद है, गाण्ड चाटने का मेरा बहुत मन करता है। मुझे चूत चाटने का भी बहुत मन करता है। चूत की महक और चूत का नमकीन पानी.. अय..हय.. क्या बताऊँ..! अगर ज़्यादा दिन ना मिले तो, मैं पागल हो जाता हूँ।

वकील ने क्लाइंट की चुदाई

मुझे सेक्स बहुत पसंद है, खासकर भाभीओं के साथ तलाकशुदा, विधवा और जो महिलायें सेक्स से संतुष्ट नहीं हैं वो, इनके साथ सेक्स करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूँढ़ता रहता हूँ और आज अपना एक अनुभव बताने उपस्थित हुआ हूँ।
मैं एक 30 वर्षीय युवक हूँ। लम्बाई 6 फिट, गोरा हट्टा-कट्टा जवान हूँ। मैं पेशे से वकील हूँ। मेरे नाम बिपिन है और मैं धुले, महाराष्ट्र का रहने वाला

नौकर की बीवी के साथ मनाई सुहागरात

मेरा नाम जगजीत सिंह है। पंजाब के मालवा इलाके का जमींदार। जमीन बहुत है, बहुत से नौकर-चाकर खेतों में और हवेली में काम करते हैं। सेक्स करने के लिए एक से एक छोकरी, औरत हर समय तैयार मिलती है।
मेरा एक ख़ास नौकर है – राजा ! नौकर ही नहीं, एक तरह से वो मेरा राजदार है, सेक्स की हर एक बात मैं उससे करता हूँ। अनेक कुंवारी लड़कियों को उसने पटाया

हॉट लड़की नेहा की चूत

बात तब की है जब मैं डिप्लोमा सेकण्ड ईयर में था और गर्मी की छुट्टी में मुझे कॉलेज से बोला गया कि किसी कंपनी में ट्रेनिंग कर लोगे तो बाद में अच्छा जॉब मिलगा।
मैंने अपने पापा के एक दोस्त से बात की, उन्होंने मुझे उड़ीसा के राउरकेला स्टील प्लांट में ट्रेनिंग करने की सलाह दी और मुझ से कहा कि तुम अपने कॉलेज से लिखवा कर मुझे भेज दो, मैं सब बात कर लूँगा।

हॉट कामवाली शकीला की चुदाई

हम नए नए इस घर में आए थे। इस कालोनी में मेरा कोई दोस्त नहीं था। स्कूल से आने के बाद मैं अकेला बैठ कर बोर होता रहता था। पापा सिर्फ सप्ताहांत पर घर आते थे और मम्मी शाम ६ बजे तक। कुछ ही दिनों में मम्मी ने काम करने के लिए एक नौकरानी रख लिया था जो कि पास ही के झुग्गी इलाके की थी। देखने में वो कुछ खास नहीं थी पर बहुत ही सेक्सी थी। उसे देख कर अच्छे अच्छे का दिल डोल सकता था तो फिर मैं कौन था। वो हमेशा ढीले-ढाले कपड़े पहन कर आती थी और जब झुक कर कोई काम करती थी तो मेरा लंड तड़प कर रह

चाची की चूत की खुजली मिटाई चुदाई करके

हैलो दोस्तो, मेरा नाम कमल है मैं 20 साल का हूँ। 
मैं अपने सेक्स के बारे बताने जा रहा हूँ जो कि मैंने पड़ोस की आरती चाची के साथ किया।
आरती चाची 32 साल की हैं पर लगती नहीं हैं। पतला सा जिस्म छोटे-2 से चुच्चे, लाल होंठ, गोरा बदन, बस माल हैं।
बात तब शुरु हुई जब एक दिन मैं उनके घर अपना कमीज वाशिंग मसीन के ड्रायर में सुखाने गया।
मैं जल्दी-2 में सीधा बाथरूम में चला गया, वाशिंग मशीन वहीं थी।
पर जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि आरती चाची नहा रही थी और चूत में हाथ डाले बैठी थी।
मुझे देखते ही उन्होंने दोनों हाथो से अपनी छाती छिपा ली।
मैं भी चुपचाप खिसक लिया वहाँ से !
थोड़े दिनों तक मैं चाची के घर नहीं गया।
एक दिन चाची ने मुझे बुलाया, मुझसे कहने लगी- कमल, क्या हुआ जो घर नहीं आए? ऐसा तो चलता रहता है, डरो मत इससे
हमारे रिश्ते पर फर्क नहीं पड़ता।
मैंने मस्ती में बोला- चाची, लगता है आजकल खुजली ज्यादा हो रही है?
चाची भी मस्ती में बोली- बेटा, मैंने कई तिलों का तेल निकाला हुआ है !
बस फिर क्या था, मैं मौका देखकर चाची से सेक्सी बातें करने लगा, चाची भी मुझसे घुलमिल गई।
मौका देखकर मैं भी चाची पर हाथ फेर ही देता था।
एक दिन मैंने चाची से पूछ ही लिया- चाची, अब तो चूत के दर्शन करवा दो !
चाची भी मुँह बनाकर बोली- कमल, इसे हसीं मजाक तक ही रहने दो !
मैंने भी कह दिया- चाची, आपका तो फायदा है, आपको कोई बाँझ नहीं कहेगा !
चाची बिना कुछ कहे चली गई।
कुछ दिनों बाद चाची ने मुझे घर पर बुलाया और कहने लगी- कमल, ठीक है, आज रात तुम आ सकते हो।
मैं तो खुशी से पागल हो गया- पर चाची आज ही क्यों?
तो चाची कहने लगी- तुम्हारे चाचा आज की रात यहाँ नहीं हैं।
मैं तो चाची को चूमने लगा और जोश में उनके चूतड़ मसलने लगा।
चाची ने पीछे हटकर कहा- यहाँ कोई देख लेगा ! रात तक तो रुक जाओ।
तो मुझे भी लगा कि चाची ठीक कह रही हैं इसलिए मैं अपने घर आ गया।
जैसे तैसे 8 बजे तो मेरे पास मेरे डैडी आए और कहने लगे- बेटा, आज तुम अपनी आरती चाची के घर रुक जाना, तुम्हारे चाचा का फोन आया है, वो आज रात वो कहीं गए हुए हैं।
मैंने भी अनजान बनते हुए कहा- पापा, मैं कैसे एडजस्ट करुँगा?
तो पापा कहने लगे- एक रात की ही बात है, अकेली औरत है बेचारी ! और तुम तो उसके बेटे जैसे ही हो।
मैंने कहा- ठीक है पापा !
करीब साढ़े नौ बजे मैंने वियाग्रा ली और चाची के घर चला गया।
चाची बेडरुम में मेरा इन्तजार कर रही थी, मैं तो बिस्तर पर कूद पड़ा, चाची को मैंने कस कर पकड़ लिया।
चाची की गर्म सांसें मैं अपने चेहरे पर महसूस कर रहा था।
मैंने चाची के होंटों पर होंट रख दिए और चूसने लगा।
चाची की तो आँखें ही बंद हो गई !
मैं तो मानो कि चाची के होंठों को खा जाना चाह रहा था। चाची मुझे पीछे से पकड़ रखा था।
मेरे दोनों हाथ चाची के चूतड़ों पर चलने लगे।
चाची मेरा हाथों को हटाने की कोशिश करने लगी पर मैंने चाची के कूल्हों के बीच की लकीर को रगड़ना जारी रखा।
कुछ देर बाद मैंने चाची की कमीज उतार दी।
अब चाची आधी नंगी थी।
मैं चाची के एक चुच्चे को मुँह में लेकर चूसने लगा, मैं लगातार चाची के चूतड़ों को पीछे से दबाने लगा।
चाची तो मानो पागल सी हो गई, चाची मुँह से ‘आ… आ… आह… स्सस… आह… उऊउ…’ की आवाज निकलने लगी।
मैंने भी एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मेरा 7 इन्च का लण्ड को देखकर चाची के चेहरे पर मानो चमक सी आ गई।
मैं दोबारा चाची के चुच्चों पर टूट पड़ा।
कमरे में ‘अम्म… अम्म… मअम…’ की आवाज आ रही थी।
चाची अचानक चीख पड़ी और मेरी पीठ पर नाखून गड़ा दिए। मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने चुच्चों पर दातों से काट दिया।
चाची का दर्द कम करने के लिए मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा।
उंगली से तो चाची सिमट सी गई।
धीरे धीरे मैं चूत पर आ गया, चाची ने जैसे अभी-2 चूत को शेव किया हो। मैं धीरे धीरे चूत पर जीभ चलाने लगा तो चाची तो तड़प सी उठी।
मुझे लगा कि मानो कोई कच्चा मांस चबा रहा हूँ।
थोड़ी ही देर बाद चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया, मुझे उल्टी आने लगी तो खड़ा हो गया।
चाची तड़प उठी मानो किसी बच्चे से खिलौना छीन लिया हो, चाची बोलने लगी- कमल रुक क्यों गए? कितना मजा आ रहा था।
मैंने चाची से कह दिया- चाची, मुझे तो उलटी आ रही है।
तभी मुझे कुछ सूझा, मैं फ्रिज से चोकलेट पेस्ट्रीज और सलाईस ले आया।
चाची को तो समझ ही नहीं आया।
मैंने चाची की दोनों टाँगें अपने कंशों पर रख ली और पेस्ट्रीज को चूत में घुसेड़ने लगा और सलाईस की बोतल से रस को चूत के अदंर
टपकाने लगा।
चाची को भी समझ आने लगा कि हो क्या रहा है।
बस फिर क्या था, मैं जीभ से चाची की चूत को जोर लगा कर चूसने लगा, कभी चूत के दाने को दांतों से कुरेद देता तो चाची सिहर जाती।
सारे कमरे में चाची की सिसकारियाँ गूँज रही थी। चाची तो मानो सातवें आसमान थी।
चाची इसी बीच चाची दो बार झड़ चुकी थी, मेरे मुँह में चॉकलेट और चूत के पानी का मिलाजुला स्वाद आ रहा था।
चाची तो मानो बेजान सी पड़ी थी और मेरा लण्ड मानो फटने को तैयार था, खून का दौरा इतना हो गया कि लण्ड में दर्द की लहर दौड़ गई।
मैंने भी अपना लौड़ा चाची के मुँह में दिया। चाची भी ऐसे लण्ड चूसने लगी मानो बदला उतार रही हो।
मैं तो मानो स्वर्ग में था !
चाची का मुँह दुखने लगा तो कहने लगी- कमल क्या हुआ, अभी तक झड़े नहीं?
मैंने कहा- चाची, ये वियाग्रा का कमाल है।
‘पर कमल, अब देर मत कर, मेरी चूत की प्यास बुझा दे !’
मैंने जल्दी-2 चाची की गाण्ड के नीचे तकिया लगाया और चाची की चूत पर लण्ड रगड़ने लगा।
चाची तो तड़प उठी- कमल, अब ना तड़पा।
मैंने लण्ड सीधा कर धक्का मार दिया।
चाची की तो चीख निकल पड़ी- आ… आ… आ… स्सश… आराम से कर…  मार डालेगा क्या?
बस मैं तो धक्के पे धक्के लगाने लगा। चाची की टाँगों को मैंने ऊपर उठा रखा था, चाची भी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर चुद रही थी, कभी अपने बाल नोचती, कभी मेरी पीठ पर नाखून गड़ा रही थी।
चाची ‘अआहह… स्सस…’ हल्का सा चीख रही थी और साथ ही चूत को रगड़ रही थी।
कुछ देर बाद चाची अधमरी सी लेट गई थी।
मैं शायद झड़ने वाला था, मैंने चाची को कूल्हों से पकड़ कर ऊपर उठा लिया, थोड़ी देर में मैं और चाची साथ-साथ झड़े।
मुझे तो पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई।
तो दोस्तो, मैंने उस रात चाची तीन चोदा। उसके बाद भी कई बार चोदा मौका ढूंढ कर ! तब जाकर वे एक बेटे की माँ हैं।
पर अब वो मुझसे सेक्स नहीं करती और मैं भी चाची को तंग नहीं करता क्योंकि दोस्तो सेक्स में प्यार से मजा आता है, जबरदस्ती में नहीं !

उसकी का मजा ही कुछ और था

मेरा नाम कुणाल है, जयपुर का रहने वाला हूँ, मैं डॉक्टर हूँ।
बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक सीनियर डॉक्टर के क्लिनिक में काम करने लगा था… 
वहाँ उसने एक मस्त सी माल को भी लगा रखा था काम पर…
उन दिनों कॉलेज से निकलने के बाद मुझ पर जवानी के मजे लेने का ज्यादा ही

बॉयफ्रेंड पियूष ने सिल तोड़ दी

पियूष ने मेरी चूत में ऐसे लंड डाला की मेरे तो तोते ही उड़ गए, पढ़े हमारे सेक्स की एक मस्त हिन्दी चुदाई कहानी  


हैलो… मैं प्राची हूँ, मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) की रहने वाली हूँ। अभी नई-नई अल्हड़ जवानी में पकी हुई सरसों की बालियों जैसी लहलहा रही हूँ। मेरे वक्ष के उभर 34 इंच के हैं और शक्ल आलिया भट्ट जैसी है। जो भी मुझे एक बार देख ले बस समझिए कि उसका सिग्नल अप हो जाता है।

हॉट साली बड़ा मस्त माल हैं

मेरी हॉट साली की उन्नीस साल की जवान चूत के अंदर मैंने अपना खड़ा लंड डाल के उसकी मस्त चुदाई कर दी. दरअसल बात उस समय की है जब मेरी उम्र सिर्फ बाईस वर्ष रही होगी, मेरी शादी हुई को अभी आठ महीने ही हुए थे कि ससुराल वालों ने मेरी साली की शादी तय कर दी। मैंने जिंदगी में पहली बार अपनी पत्नी से ही सेक्स किया था और कभी किसी दूसरी लड़की के साथ मेरे सम्बन्ध नहीं रहे थे, मैंने कभी कोशिश भी नहीं की थी।

चचेरी बहन की चूत चोदी क्रीम लगा के

कैसे मैंने अपनी चचेरी बहन की चूत पर क्रीम लगा के उसे उत्तेजित किया. और फिर अपने लंड से उसकी चूत का सिल तोड़ दिया.
मेरा नाम नितिन गर्ग है, मैं पानीपत हरयाणा का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 22 वर्ष है।
यह कहानी मेरे और मेरे चाचा जी की लड़की की है। मेरे चाचा जी की लड़की का नाम रीना है। उसकी उमर 21 वर्ष है।

आंटी की चूत में ऐसे लंड दिया

आंटी की चूत में ऐसे लंड दिया की वो खुश हो गई. घोड़ी बन के चुदवाने के बाद तो वो बोली की मैं बड़ा ही मस्त चोदता हूँ.
अभी तो मैं 25 वर्ष का हो गया हूँ और अपने परिवार के साथ दिल्ली की एक कॉलोनी में रहता हूँ पर यह घटना मेरे जीवन में लगभग तीन वर्ष पहले घटी थी जब मैं 22 वर्ष का था।
हमारे फ्लैट के साथ वाले फ्लैट में एक परिवार रहता है जिसमे एक बहुत ही सुन्दर आंटी सिर्फ अपने पति के साथ रहती हैं।

मौसी को जमकर चोदा

नमस्कार दोस्तो, कैसे हो आप? मेरा नाम निखिल है, कानपुर का रहने वाला हूँ, अभी उच्च अध्ययन कर रहा हूँ। कॉलेज में मैं बहुत सी लड़कियों को चोद चुका हूँ। मेरी उम्र 23 साल है, कद 5 फीट 9 इंच है, अच्छा खासा व्यक्तित्व है। मेरा लंड आठ इंच लम्बा है और बहुत मोटा है। आज मैं भी अपना एक ख़ुद का अनुभव लिख रहा हूँ। यह जो मैं कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी मौसी और मेरी है।

झाँटों वाली प्रियंका की चुदाई

प्यारे हवस के पुजारियो, मैंने दो साल से अन्तर्वासना स्टोरीज़ पर सेक्स की कई कहानियाँ पढ़ी हैं। तो आज मन हुआ कि अपनी जिंदगी के पहले सेक्स का अनुभव भी आप सभी को बता दूँ। मैं गुड़गाँव के एक छोटे से कस्बे का निवासी हूँ। बात आज से दो साल पहले मेरे कॉलेज के दिनों की है, मैं बारहवीं कक्षा तक एक शर्मीला लड़का रहा हूँ। कॉलेज के पहले दिन मैं काफ़ी नर्वस था, उस दिन कक्षा में हम पाँच ही विद्यार्थी थे, उन पाँच में एक लड़की भी थी, जिसका नाम प्रियंका था, वो मुझे पहले ही दिन से पसंद थी। 
उस समय उसकी काया 28-28-30 की रही होगी। वो दिखने में एक पतली सी लड़की थी जिसका रंग काफ़ी गोरा था और उस दिन वो सफेद कपड़ों में काफ़ी उत्तेजक लग रही थी। मेरा दिल उस पर आ गया था।
एक महीने के अन्दर ही मैंने उसे अपने दिल की बात बता दी थी। उस समय उसने इनकार कर दिया तो मेरा दिल बैठ गया, लगने लगा जैसे सब कुछ खत्म हो गया हो। कॉलेज के दूसरे साल फेयरवेल पार्टी के दिन वो जब लाल साड़ी में आई तो मेरा लंड अचानक खड़ा हो गया। वो मेरे पास आई और बोली- मैं कैसी लग रही हूँ?
तो मैं उसे देख कर कुछ कह नहीं पाया बस हाथ से इशारा कर दिया कि सेक्सी लग रही हो। तो वो मुस्कुरा कर एक ओर चल दी और मैं भी उसके पीछे-पीछे हो लिया। एकांत में जाकर मैं उससे बोला- आज तो तुम वाकई सेक्सी लग रही हो।
तो वो ‘थैंक्स’ बोली, मैंने हिम्मत करके उसे दोबारा बताया कि मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ।
तो वो मुस्कुरा कर बोली- मुझे भी तुम अच्छे लगने लगे हो।
पार्टी के अगले दिन हम कॉलेज पहुँचे तो वो फिर से सफेद ड्रेस में आई, मैंने उससे बोला- आज तो तुम गजब का माल लग रही हो। तो वो हँस कर क्लास में चली गई। मैं भी क्लास में गया तो देखा वो अकेली बैठी थी तो मैंने उसे क्लास में ही पकड़ लिया। वो बोली- छोड़ो क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा।
मैं बोला- कोई नहीं देखेगा, हम क्लास के समय से पहले आए हैं। कॉलेज में और कोई नहीं है।
वो घबराने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। फिर मैंने उसकी चूची पकड़ कर भींच दी। उसके निप्पल खड़े हो गए थे। तभी उसने मेरे हाथ हटा दिए और बोली- तुम तो बड़े बेकार हो।
तो मैं बोला- इसमें खराबी ही क्या है, आगे चल कर तुम्हारा पति भी यही करेगा।
तो वो झेंप गई।
अगले दिन मैं जल्दी कॉलेज चला गया तो देखा कि वो पहले ही क्लास में बैठी थी। तो मैंने उसे पीछे से दबोच लिया, वो समझ गई कि मैं ही हूँ। मैंने फिर से उसके निप्पल भींच दिए और उसकी सलवार में हाथ डाल दिया मुझे घने बालों का जंगल महसूस हुआ तो मैंने कहा- ये क्या है?
तो उसने मेरा हाथ हटा कर कहा- ये अपने आप आए हैं।
मैंने उसका हाथ ज़बरदस्ती अपनी पैन्ट में डाला और कहा- ये शेव भी हो जाते हैं।
फिर हमने अगले दिल कॉलेज से घंटा गोल करके दिल्ली जाने का प्लान बनाया। अगले दिन हम बस से मेट्रो स्टेशन (हुड्डा सिटी सेंटर) पहुँचे। हम दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे दिल्ली तीस हज़ारी स्टेशन तक गए और थोड़ी खरीददारी करके एक होटल में गए और एक रूम बुक किया। वो फ्रेश होने चली गई मैं भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में घुसने लगा, तो उसने दरवाज़ा बन्द कर दिया। मैं भी दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा। वो 5 मिनट में बाहर निकली तो मैंने उसे पकड़ लिया और बिस्तर पर ले गया।
वो बोली- ये क्या है?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं बस मन कर रहा है।
मैंने उसके चूचे दबाने चालू कर दिए फिर एक हाथ उसके सलवार में डाल कर हिलाने लगा। वो मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी, तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। दस मिनट तक ऐसा ही होता रहा। फिर अचानक वो मुझसे छूटी और बोली- यह सब ग़लत है।
मैं बोला- ऐसा नहीं है.. जान.. हम तो बस जरा मस्ती कर रहे हैं।
तो वो बोली- मैंने सुना है कि इससे दर्द भी होता है।
तो मैं तपाक से बोला- किसमें?
वो बोली- ज़्यादा बनो मत.. वो ही जो तुम करना चाहते हो… उसमें.!
मैं बोला- हाँ.. शुरू में थोड़ा होगा, पर बाद में मज़ा भी तो आएगा।
मैंने फिर से एक हाथ उसकी चूची और एक उसकी सलवार में डाल कर चुम्बन करने लगा। वो गरम होकर सिसकारियाँ भरने लगी। फिर 5 मिनट बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसके और अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे। वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी उसकी चूत में से कुछ बह रहा था और झाँटों में लग रहा था। फिर मैंने उसके बाल साफ कर दिए और उसकी चूत में ऊँगली डाल कर आगे-पीछे करने लगा।
तो वो बोली- दर्द हो रहा है।
मैंने ऊँगली निकाली और उसको बिस्तर पर लिटा कर उसके चूचे चूसने लगा। फिर मैंने उसके चूत में जीभ डाल दी और चूसने लगा, वो छटपटाने लगी।
फिर मैंने उससे कहा- मेरा लंड अपने मुँह में लो।
तो वो मना करने लगी, मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में लंड डाल दिया और चुसवाने लगा। फिर 5 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसके चूत के छेद पर रख कर धक्का मारने की कोशिश की तो लंड फिसलने लगा। मैंने लंड पर थोड़ा आयल लगाया और छेद पर रख कर पूरे ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चीख निकल गई और वो चिल्लाने लगी- मर गई.. हाय.. इसे निकाल लो प्लीज़…बहुत दर्द हो रहा है..!
तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और एक और धक्का मारा तो वो बेहोश सी हो गई। मैंने अपना लंड आधा बाहर निकाल कर अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया। वो चिल्लाती हुई ‘ऊआहहा.. उहूह.. अहह’ करने लगी। फिर पाँच मिनट में वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देते हुए बोली- अब मज़ा आ रहा है.. और तेज और तेज..! चिल्लाने लगी।
लगभग 20 मिनट बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया। उसने मेरा लंड मुँह से एक ही झटके से निकाला और बोली- ये क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- यह मेरा पहली चुदाई का वीर्य है, प्लीज़ मैं इसे यूँ ही जाया नहीं करना चाहता !
और लंड फिर से मुँह में डाल दिया। फिर वो मेरा सारा वीर्य पी गई और बोली- यह चुदाई तो बहुत महँगी पड़ती है, पर मज़ा भी आता है।
फिर हमने अपने कपड़े पहने और घर आ गए। उसके बाद कॉलेज में हर सप्ताह हम चुदाई करते थे। कॉलेज के बाद उसकी शादी हो गई, लेकिन जब भी वो अपने घर आती है तो सबसे पहले मुझे फ़ोन करके बताती है और हम मौका मिलते ही चुदाई करते हैं। दोस्तो, कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएं।

पिंकी की प्यासी जवानी


मैं एक मस्त मौला लड़का हूँ, मैं बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ। मुझे खूबसूरत लड़कियाँ बेहद भाती हैं, उन्हें देखकर इस दुनिया के सारे गम दूर हो जाते हैं। मैं एक प्राइवेट स्कूल में टीचर था। हमारे स्कूल में जो कि शहर का नामी स्कूल था अच्छे घरों के बच्चे पढ़ने आते थे। हमारे स्टाफ में भी अच्छे खानदान की सुन्दर बहुएँ और बेटियाँ भी पढ़ाने आती थी।
मैं एक मध्यम वर्ग का लड़का था, मुझे घर चलने और अपनी पढ़ाई जारी रखने के

मुझे भी मौका मिल ही गया चुदाई का

मेरा नाम सुमित है 19 साल उम्र है। चुदाई का बहुत प्यासा रहने वाला लौंडा हूँ, देखने में भी अच्छा ही हूँ। 
यह बात उन दिनों की है जब मैं बी.कॉम के दूसरे साल में ही था, जवानी हिलौरें मार रही थी और लण्ड अक्सर हाथ में ही रहता था पर चुदाई की इच्छा को मुठ मार कर ही मारना पड़ता था। उन्हीं दिनों मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो मेरे दोस्त की बहन थी। शुरुआत में मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था पर बाद में मैं भी उसको गलत नज़रों से
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